Thursday, January 23, 2014

नारी

बचपन से शुरू इसकी जिम्मेदारी
काम काज पढ़ाई लिखाई इसको प्यारी।

पापा की रानी माँ की दूलारी
उस गुडिय़ा का नाम है नारी।

Tuesday, January 21, 2014

गोवा यात्रा


ट्रैन चली चुक चुक करती निज़ामुद्दीन के स्टेशन से,
सपने सजने फिर शुरू हुए गोवा हमारे पहुचने के,
42 घंटे का सफर हमारा न जाने हमने वो कैसे गुज़ारा,
शायद ख़्वाब ज़ादा ही सज चुके थें।
इसलिए पता ही नही चला कब गुज़रा ये सफर हमारा
स्टेशन पहुचे जब गोवा के हम पूरा बदल गया नज़ारिया हमारा,
क्योकि सोच हमारी तो सिर्फ बनी थी 
के गोवा है पूरा बीच का किनारा 
सोच बदलने लगी फिर हमारी 
और ऐसे शुरू हुई थी गोवा की यात्रा हमारी।


जय